रेरा ऑफिस में करप्शन का पर्दाफाश, रिश्वत लेते पकड़ा गया अकाउंटेंट
एंटी करप्शन टीम ने थाना बीटा 2 क्षेत्र में यूपी रेरा के दफ्तर से एक अकाउंटेंट को गिरफ्तार किया गया है। पीड़ित ने बताया कि इस मामले की सेटलमेंट के लिए यूपी रेरा के दफ्तर में तैनात एक अकाउंटेंट ने उनसे 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी।

ग्रेटर नोएडा स्थित यूपी रेरा कार्यालय में भ्रष्टाचार की पोल शनिवार को खुल गई जब एंटी करप्शन टीम ने एक अकाउंटेंट को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी अकाउंटेंट ने एक सरकारी कर्मचारी और होम बायर से केस के निपटारे के एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसकी शिकायत पीड़ित ने मेरठ स्थित एंटी करप्शन ब्यूरो से की थी।
कार्रवाई के तहत शनिवार को टीम ने ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा-2 क्षेत्र में स्थित यूपी रेरा दफ्तर में दबिश दी और जैसे ही आरोपी अकाउंटेंट ने 5 हजार रुपये एडवांस के तौर पर लिए, टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी ने भागने की कोशिश भी की, लेकिन टीम ने तत्परता दिखाते हुए उसे पकड़ लिया।
पीड़ित कुलदीप कुमार, जो स्वयं एक सरकारी कर्मचारी हैं, ने बताया कि उन्होंने 2018 में एक बिल्डर से फ्लैट खरीदा था, जिसका पजेशन अब तक नहीं मिला है।
उनका मामला यूपी रेरा में लंबित था, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा था। इसी बीच रेरा ऑफिस में तैनात अकाउंटेंट ने उनसे सेटलमेंट के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग कर दी। परेशान कुलदीप ने इस भ्रष्टाचार की सूचना एंटी करप्शन अधिकारियों को दी, जिसके बाद पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
यूपी रेरा ऑफिस में रिश्वतखोरी का यह मामला सामने आने के बाद होम बायर्स में भारी नाराजगी देखी जा रही है। बायर्स का कहना है कि जिस संस्थान को उनके अधिकारों की रक्षा और न्याय दिलाने के लिए बनाया गया था, वही अब शोषण का अड्डा बनता जा रहा है। न तो उन्हें वर्षों बाद भी फ्लैट का पजेशन मिल रहा है और न ही डिले पेनल्टी का भुगतान हो रहा है। अब भ्रष्टाचार के इस खुलासे ने उनकी उम्मीदों पर और भी पानी फेर दिया है।