Bilaspur

भर्ती में घोटाला…हाईकोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला..जांच में भारी हुआ भ्रष्टाचार का उजागर…44 कर्मचारी हो गए बर्खास्त

गंभीर अनियमितता पाए जाने पर 44 कर्मचारियों की गयी नौकरी

 

रायपुर—हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी और जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर रायगढ ने पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग की भर्ती को शून्य कर दिया है। यानी कलेक्टर ने चतुर्थ श्रेणी के 44 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। कलेक्टर ने पुरानी भर्तियों को निरस्त करते हुए प्रक्रिया के तहत भर्ती का भी आदेश दिया है। जानकारी देते चलें कि रायगढ़ में पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग में वर्ष 2012 में चतुर्थ श्रेणी आकस्मिक निधि से  सीधी भर्ती हुई। इस दौरान भर्ती करने वालों ने नियमों को दरकिनार कर घोटाला को अंजाम दिया  है।
 जानकारी देते चलें कि साल 2012 में रायगढ़ स्थित पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग में आकस्मिक निधि से चतुर्थ श्रेणी के स्वच्छकर्ता, परिचारक सह चौकीदार पदों की सीधी  भर्ती हुई। उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं, रायगढ़ ने 44 कर्मचारियों को प्रक्रिया के तहत भर्ती किया। जानकारी मिली कि भर्ती के दौरान आरक्षण समेत शासन के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। मामला कोर्ट तक पहुंचा। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 28 अप्रैल 2023 को आदेश दिया कि 27 सितम्बर .2012 की भर्तियों को निरस्त किया जाता है। चयन प्रक्रिया की गड़बड़ियों को ध्यान में रखकर सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जाए।

 

 हाईकोर्ट के सख्त फैसले पर जिला प्रशासन ने जांच समिति का गठन किया। समिति ने रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन के सामने पेश किया। रिपोर्ट में बताया गया कि भर्ती के दौरान महिला, समेत  दिव्यांग और भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण का पालन नहीं किया गया है। विभाग ने घोषित पदों से अधिक संख्या में भर्ती किया है। भर्ती किए गए कर्मचारियों का मेरिट सूची का भी प्रकाशन नही हुआ है। उत्तर पुस्तिकाओं का अनुचित मूल्यांकन के अलावा प्रतीक्षा सूची तैयार नहीं किया गया। साथ ही अनुसूचित जाति वर्ग के प्रति आरक्षण नियमों के साथ खिलवाड़ किया गया है।

 

 

 कलेक्टर ने अनियमितता पाए जाने पर 44 कर्मचारियों की सेवा को समाप्त कर दिया।  लेकिन भर्ती में घोटाला करने वालों की जवाबदेही को अब तक निर्धारित नहीं किया है। जो इस समय चर्चा का विषय है। जानकारों का आरोप है कि दोषपूर्ण चयन में शामिल अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

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