Chhattisgarh

हाईकोर्ट…सुप्रीम कोर्ट…फिर हाईकोर्ट…अन्ततः शिक्षिका सोना ने जीत ही लिया जंग…शासन को देना पड़ा साढ़े 8 लाख से अधिक रूपया

शिक्षिका कहा..याचिका दायर करने में समय लगेगा...कोर्ट ने कहा आर्डर देखिए

बिलासपुर—लम्बे संघर्ष के बाद अन्ततः शिक्षिका सोना साहू ने जंग जीत ही लिया। क्रमोन्नत वेतनमान के अधिकार को लेकर लम्बी लड़ाई में सोना साहू ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सरकार के खिलाफ चक्कर लगाया। अन्ततः हाईकोर्ट के बीडी गुरू की अदालत ने सरकार के खिलाफ सोना साहू के पक्ष में फैसला देते हुए संघर्ष को सफल बना दिया। अदालत के फैसले के बाद सोना साहू को कुल 8 लाख 59 हजार 958 रूपए मिले हैं।

  सोना साहू के अधिवक्ता ने बताया कि सोना साहू साल 2005 में सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त हुई। एक ही पद पर दस साल तक काम किया। लेकिन उन्हें क्रमोन्नत वेतनमान नहीं दिया गया। शिक्षिका ने क्रमोन्नत वेतनमान राशि के लिए लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सोना साहू के पक्ष में फैसला सुनाया। फैसला के बाद सीईओ जनपद पंचायत ने सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ दिया और वापस भी ले लिया। इसके बाद सोना साहू ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दायर किया। सिंगल बैंच ने सोना साहू के खिलाफ निर्णय देते हुए याचिका को खारिज किया और सीईओ के आदेश को सही बताया।          

         सोना साहू ने सिंगल बैंच के फैसले के खिलाफ डिवीजन बेंच में चुनौती दिया। डिबीजन बैंच ने याचिका को स्वीकार करते हुए 2015 से क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने का आदेश दिया। साथ ही  शासन के रिव्यू प्रिटिशन को खारिज भी किया। हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर किया। लेकिन यहां भी शासन की एसएलपी को खारिज हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ भेजा गया।

          क्रमोन्नत वेतनमान पर दायर याचिका पर जस्टिस बीड़ी गुरू की अदालत में आनलाइन सुनवाई हुई। शासन का पक्ष सुनने के बाद जस्टिस गुरू ने याचिकाकर्ता से सवाल किया। और फिर दस मिनट के भीतर सोना साहू के पक्ष में फैसला सुनाया। इस दौरान जस्टिस गुरू को याचिकाकर्ता शिक्षिका ने बताया कि पंचायत विभाग ने कम भुगतान किया। मैने गणना पत्रक दिया था…लेकिन भुगतान उसके अनुसार नहीं हुआ है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए अलग से याचिका दायर करें। फिर सोना साहू ने निवेदन किया कि उसकी मांग को स्वीकार किया जाए। क्योंकि  दुबारा याचिका दायर करने और सुनवाई मे लंबा समय लग जाएगा। कोर्ट ने याचिका निराकृत करते हुए कहा कि आपको आर्डर भेजा जा रहा है..इसे जरूर देखें।

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