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CG NEWS:छत्तीसगढ़ में भाजपा की नई सियासत: संजय श्रीवास्तव के प्रयोग की कहानी

CG NEWS:रायपुर(मनीष जायसवाल)  । 16 अप्रैल को रायपुर के बीटीआई ग्राउंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश महासचिव संजय श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नई लकीर खींची। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष के रूप में उनके शपथ ग्रहण समारोह ने न केवल प्रदेश, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा बटोरी। यह आयोजन भाजपा के सियासी प्रयोगवाद का एक नया अध्याय साबित हुआ, जिसमें एक सामान्य कार्यकर्ता की लगन, निष्ठा और नेतृत्व क्षमता की मिसाल देखने को मिली।

संजय श्रीवास्तव का राजनीतिक सफर एक प्रेरणादायक कहानी है। रायपुर के एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत करने वाले संजय ने जिला मोर्चा, प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष, पार्टी प्रवक्ता और फिर प्रदेश महासचिव जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों को बखूबी निभाया। 30 वर्षों से अधिक की उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया, जहां आज वे निगम अध्यक्ष के रूप में नई जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

उनके शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, मंत्रिमंडल के कई प्रमुख मंत्री, विधायक, आयोग-मंडल के सदस्य, नगर निगम-नगर पंचायत के प्रतिनिधि और प्रदेश भर के कार्यकर्ता शामिल हुए। इस भव्य आयोजन ने यह साबित कर दिया कि संजय श्रीवास्तव ने अपनी मेहनत और सरल स्वभाव से न केवल संगठन में, बल्कि जनता के बीच भी गहरी पैठ बनाई है।

संजय श्रीवास्तव की सबसे बड़ी ताकत उनकी वाकपटुता और सहज व्यक्तित्व है। एक कुशल वक्ता के रूप में वे हमेशा पार्टी के विचारों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करते रहे हैं। उनकी मीडिया से नजदीकी और पत्रकारों के बीच लोकप्रियता ने उनकी छवि को और मजबूत किया। संजय की कार्यशैली ऐसी रही है कि वे कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच हमेशा सुलभ और सरल रहे। यही वजह है कि पार्टी ने उन्हें समय-समय पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपीं।

संजय श्रीवास्तव का यह नया दायित्व भाजपा के सियासी प्रयोगवाद का हिस्सा माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सियासत में कुछ गिने-चुने चेहरों का ही दबदबा रहा है। डॉ. रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल स्व दिलीप सिंह जूदेव जैसे नेताओं के बाद प्रदेश में ऐसा कोई बड़ा चेहरा उभरकर सामने नहीं आया, जो पूरे राज्य में अपनी जमीनी पकड़ की वजह से मजबूत पहचान बना सके। हालांकि, संजय श्रीवास्तव अभी नए पर जिस आयोग के अध्यक्ष बने है। वो उनके उनकी जमीनी पकड़ को मजबूत कर सकता है। रायपुर के शपथ ग्रहण उनकी फैन फॉलोइंग , सत्ता और संगठन में पकड़ उन्हें एक उभरते हुए सियासी चेहरे के रूप में स्थापित कर रही है।

संजय का सामाजिक और जातिगत समीकरण भी उनकी बहुत बड़ी ताकत नहीं है। लेकिन वे उस वर्ग से आते हैं, जिसका छत्तीसगढ़ की सियासत में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं रहा। जो उन्हें एक व्यापक जनाधार प्रदान करता है। इसके अलावा, उनकी संगठनात्मक क्षमता का उदाहरण सरगुजा संभाग में देखने को मिला, जहां वे विधानसभा और लोकसभा चुनाव में प्रभारी रहे। उनके नेतृत्व में भाजपा ने सरगुजा की सभी 14 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की, जिसका जिक्र मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी शपथ ग्रहण समारोह में किया।

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सियासत हमेशा से प्रयोगों के लिए जानी जाती रही है। संजय श्रीवास्तव का नया दायित्व इस बात का संकेत है कि पार्टी भविष्य में उन्हें और बड़ी जिम्मेदारियां सौंप सकती है। उनके शपथ ग्रहण समारोह की भव्यता और उसमें शामिल हुए दिग्गज नेताओं की मौजूदगी इस बात का प्रमाण है कि संजय अब केवल एक क्षेत्रीय नेता नहीं, बल्कि प्रदेश स्तर पर चर्चा का केंद्र बन चुके हैं।

छत्तीसगढ़ भाजपा की सियासत में कई ऐसे चेहरे हैं, जो कम समय में ऊंचे पदों तक पहुंचे, लेकिन उनकी पहचान उनके क्षेत्र तक सीमित रही। वहीं संजय श्रीवास्तव ने अपनी मेहनत और संगठनात्मक कौशल से एक व्यापक पहचान बनाई है। उनकी यह उपलब्धि उन कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा है, जो लंबे समय तक निष्ठा के साथ संगठन के लिए काम करते हैं।

संजय श्रीवास्तव की यह नई पारी न केवल उनके व्यक्तिगत विकास की कहानी है, बल्कि भाजपा के सियासी भविष्य की दिशा भी तय कर सकती है। उनके नेतृत्व में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम नई दिशा ले सकता है। साथ ही, उनकी लोकप्रियता और संगठन में पकड़ उन्हें भविष्य में और बड़े मंच प्रदान कर सकती है।

भाजपा का सियासी प्रयोगवाद हमेशा अप्रत्याशित रहा है। यह कहना मुश्किल है कि पार्टी कल किस नई नीति या रणनीति के साथ सामने आएगी। लेकिन एक बात तय है संजय श्रीवास्तव ने इस प्रयोगवाद में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनके शपथ ग्रहण समारोह ने न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि को रेखांकित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि एक साधारण कार्यकर्ता अपनी मेहनत और निष्ठा से सियासत की ऊंचाइयों को कैसे छू सकता है।
संजय श्रीवास्तव का यह नया अध्याय छत्तीसगढ़ की सियासत में एक नई उम्मीद और दिशा का प्रतीक है। उनके नेतृत्व में भाजपा का यह प्रयोग कितना सफल होगा, यह तो समय बताएगा, लेकिन उनकी अब तक की यात्रा निश्चित रूप से प्रेरणादायक है।

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