नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर बड़ा मंथन, राहुल गांधी की आपत्ति और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी निगाहें

भारत में अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति को लेकर बड़ा राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, और उनके उत्तराधिकारी को लेकर सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल हुए। हालांकि, इस चयन प्रक्रिया को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं, खासकर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को चयन समिति से हटाने को लेकर।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस बैठक के दौरान CEC और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार के निर्णयों पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में सवाल किया कि मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन समिति से CJI को क्यों हटाया गया? राहुल गांधी ने कहा कि पहले इस समिति में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और CJI शामिल होते थे, लेकिन अब मोदी सरकार ने इसे बदल दिया है।
इसका जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 19 फरवरी को सुनवाई तय की है, इसलिए CEC चयन समिति की बैठक को फिलहाल टाल देना चाहिए था।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले CEC की नियुक्ति क्यों?
कांग्रेस ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर जोर दिया है। कांग्रेस का तर्क है कि चूंकि 19 फरवरी को इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत में सुनवाई होनी है, इसलिए केंद्र सरकार को जल्दबाजी में यह फैसला नहीं लेना चाहिए। अजय माकन और अभिषेक सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इस बैठक को एक या दो हफ्ते के लिए स्थगित करना चाहिए था और सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग करनी चाहिए।
राजीव कुमार के बाद कौन होगा अगला CEC?
18 फरवरी को राजीव कुमार की सेवानिवृत्ति के बाद, ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त बन जाएंगे, क्योंकि उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है। लेकिन इस बात को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है कि अगला मुख्य चुनाव आयुक्त कौन होगा।
केंद्र सरकार ने चयन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में एक खोज समिति का गठन किया है। इस समिति का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक अन्य मंत्री भी शामिल हैं।
CEC का कार्यकाल और नया कानून
नए CEC की नियुक्ति के साथ, भारत के चुनाव आयोग के लिए नई नियमावली भी लागू होगी। CEC का कार्यकाल छह साल या अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक हो सकता है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन सरकार ने नए कानून के तहत CJI को चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया। यही बदलाव अब राजनीतिक विवाद और कानूनी चुनौती का विषय बन गया है।
CEC चयन प्रक्रिया पर विपक्ष और सरकार आमने-सामने
CEC की नियुक्ति को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को खत्म करना चाहती है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में निष्पक्षता को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि वह प्रक्रिया को पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रही है।