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Chhath 2025 – सूर्य उपासना का महापर्व 25 अक्टूबर से, पवन सिंह का ‘जोड़े-जोड़े फलवा’ फिर बना करोड़ों दिलों की धड़कन!

छठ पर्व के आते ही भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री में भक्ति गीतों की बहार आ जाती है। हर साल कई नए और मनमोहक छठ गीत रिलीज होते हैं, जो पूजा के दिनों में हर घर, गली-मोहल्ले और घाटों पर गूंजते हैं। ये गीत सोशल मीडिया पर भी खूब धूम मचाते हैं और करोड़ों लोगों की प्लेलिस्ट का हिस्सा बन जाते हैं।

chhath 2025,pawan singh-पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ, जो कार्तिक महीने की षष्ठी तिथि को सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित होता है, इस साल 25 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 28 अक्टूबर 2025 तक मनाया जाएगा। यह चार दिवसीय अनुष्ठान उत्तर प्रदेश और बिहार में तो बड़े उत्साह और भक्तिभाव से मनाया ही जाता है, अब इसकी गूंज देश के कोने-कोने के साथ विदेशों तक भी पहुँच चुकी है।jode jode falwa

chhath पर्व के आते ही भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री में भक्ति गीतों की बहार आ जाती है। हर साल कई नए और मनमोहक छठ गीत रिलीज होते हैं, जो पूजा के दिनों में हर घर, गली-मोहल्ले और घाटों पर गूंजते हैं। ये गीत सोशल मीडिया पर भी खूब धूम मचाते हैं और करोड़ों लोगों की प्लेलिस्ट का हिस्सा बन जाते हैं।

इसी कड़ी में एक गाने ने हाल ही में फिर से इंटरनेट पर अपनी धाक जमाई है। भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह का सुपरहिट छठ गीत ‘जोड़े-जोड़े फलवा’ (jode jode falwa) एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। इसे पवन सिंह के अब तक के सबसे ज़्यादा बजे वाले और सबसे लोकप्रिय छठ गीतों में से एक माना जाता है।

यह भक्तिमय गीत T-Series Hamaar Bhojpuri के यूट्यूब चैनल पर 30 अक्टूबर 2022 को रिलीज़ किया गया था और अपनी रिलीज के बाद से ही इसने लोकप्रियता के नए आयाम छुए हैं। अब तक इस गाने को 100 मिलियन (10 करोड़) से अधिक व्यूज़ मिल चुके हैं, जो इसकी अपार लोकप्रियता का प्रमाण है।

भोजपुरी एल्बम ‘दरस देखावा ऐ दीनानाथ’ से लिए गए इस कर्णप्रिय गीत को खुद पवन सिंह और पलक ने अपनी मधुर आवाज दी है। गाने के बोल विनय बिहारी ने लिखे हैं, जो श्रोताओं के मन में भक्ति का भाव जगाते हैं। वहीं, संगीत अजीत सिंह और अंजनी रामाज्ञा ने तैयार किया है, जो इसे और भी मनमोहक बनाता है।

छठ पूजा 2025 की महत्वपूर्ण तिथियां:

  • पहला दिन (25 अक्टूबर): नहाय-खाय – इस दिन श्रद्धालु स्नान करने के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं।

  • दूसरा दिन (26 अक्टूबर): खरना व्रत – खरना के दिन व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हैं और शाम को गुड़ की खीर और रोटी का सेवन करते हैं।

  • तीसरा दिन (27 अक्टूबर): संध्या अर्घ्य – इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जो छठ पूजा का मुख्य अनुष्ठान होता है।

  • चौथा दिन (28 अक्टूबर): उषा अर्घ्य एवं व्रत समापन – उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।

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