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रतनपुर नगर पालिका में सिंडिकेट का खेल – सीएमओ, अध्यक्ष और इंजीनियर पर गंभीर आरोप.. एसीबी तक पहुंची भ्रष्टाचार की शिकायत

बिलासपुर/रतनपुर…नगर पालिका रतनपुर में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का जाल गहराता जा रहा है। पहले इंजीनियर श्रीरिल भास्कर द्वारा ठेकेदार से WhatsApp पर बारकोड भेजकर पचास हजार से अधिक की रिश्वत माँगने और धमकी देने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। अब इस काले खेल में सीएमओ खेल कुमार पटेल और अध्यक्ष लव कुश कश्यप की मिलीभगत उजागर हुई है। आरोप है कि नगर पालिका को सुनियोजित रूप से “बाबूविहीन” बनाकर करोड़ों के कार्यों में घोटाले की नींव डाली गई है।

 बारकोड बना भ्रष्टाचार का सबूत

ठेकेदार इंजीनियर विक्रांत तिवारी ने बिलासपुर कलेक्टर को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया था कि इंजीनियर श्रीरिल भास्कर ने उनसे रिश्वत माँगने के साथ यह भी धमकी दी कि रकम नहीं देने पर उनके कार्य निरस्त कर उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। तिवारी ने WhatsApp चैट और बारकोड के स्क्रीनशॉट सबूत के तौर पर प्रस्तुत किए हैं।

सिंडिकेट में सीएमओ, अध्यक्ष शामिल

ताज़ा खुलासे में सामने आया है कि नगर पालिका रतनपुर में भ्रष्टाचार को एक “सिंडिकेट” की तरह चलाया जा रहा है। इसमें इंजीनियर श्रीरिल भास्कर के साथ सीएमओ खेल कुमार पटेल और अध्यक्ष लव कुश कश्यप की सक्रिय भूमिका बताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष अपने “चहेते ठेकेदारों” को करोड़ों के नियम विरुद्ध काम दिलवा रहे हैं, वहीं शासकीय मद से अपने सगे-संबंधियों को फायदा पहुँचा रहे हैं।

बाबूविहीन कार्यालय, फाइलों पर ठेकेदारों का कब्जा

नई परिषद के कार्यभार सँभालने के बाद से 7–8 नियमित लिपिक स्तर के कर्मचारी, जो पहले फाइल संचालन करते थे, उन्हें जबरन घर-घर कर वसूली और अन्य कार्यों में लगा दिया गया। नतीजा यह कि करोड़ों की फाइलें बिना बाबू और बिना प्रक्रिया के चल रही हैं। यह अपने आप में गंभीर अनियमितता और भ्रष्टाचार का जीता-जागता सबूत माना जा रहा है। इस बाबत शिकायत संयुक्त संचालक नगरीय निकाय विभाग बिलासपुर से भी की जा चुकी है।

धमकियाँ और प्रताड़ना

विक्रांत तिवारी का कहना है कि रिश्वत से इंकार करने के बाद उनके साथ षड्यंत्रपूर्वक प्रताड़ना की गई। पंद्रहवें वित्त आयोग के कार्य को निरस्त करने, बैक डेट में नोटिस जारी करने और ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी की गई।

शिकायत पीएमओ से एसीबी तक

ठेकेदार ने प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली से लेकर नगरीय निकाय विभाग रायपुर और एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर तक शिकायत की प्रतियाँ भेजी हैं। अब यह मामला प्रदेश स्तर पर चर्चा का केंद्र बन गया है।

प्रदेश में हड़कंप, त्वरित कार्रवाई की माँगWhatsApp बारकोड से रिश्वत माँगने से लेकर नगर पालिका को सुनियोजित रूप से भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने तक की ये घटनाएँ प्रदेश के लिए चौंकाने वाली हैं। अब देखना यह होगा कि एसीबी और नगरीय निकाय विभाग की त्वरित कार्रवाई से इस सिंडिकेट की परतें कब और कैसे खुलती हैं।

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