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राजनीति में भ्रष्टाचार की पटकथा.. ईडी का दावा चैतन्य बघेल को मिला 1000 करोड़.. पूर्व सीएम पुत्र ने उगला कई राज?

रायपुर.. छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल लाने वाली बड़ी कार्रवाई सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को 1000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें कोर्ट में पेश कर 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेजा गया है, जहां उनसे अवैध लेनदेन और सिंडिकेट कनेक्शन को लेकर गहन पूछताछ की जा रही है।

ईडी का दावा: सिंडिकेट से 1000 करोड़ की कमाई

ईडी ने चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को भूपेश बघेल के बेहद करीबी रहे व्यापारियों और नेताओं के बयानों के आधार पर अंजाम दिया है।सबसे बड़ा दावा दुर्ग के कारोबारी लक्ष्मीनारायण उर्फ पप्पू बंसल का है, जिन्होंने ईडी को दिए गए बयान में स्वीकार किया है कि उन्होंने तीन महीने के भीतर 136 करोड़ रुपये नकद प्राप्त किए और इन पैसों में से बड़ी राशि चैतन्य बघेल तक पहुंचाई गई।

पप्पू बंसल ने कहा है कि चैतन्य को 1000 करोड़ रुपये तक की अवैध कमाई हुई, जिसे उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स और कंपनियों में निवेश किया।

 पैसे के लेनदेन की चौंकाने वाली कड़ी

ईडी जांच में जो रूट सामने आया है, वह इस प्रकार है:

अनवर ढेबर (मुख्य आरोपी) शराब घोटाले का पैसा दुर्ग भेजता था पैसा होटल मैनेजर दीपेंद्र चावड़ा के जरिए केके श्रीवास्तव और कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल तक पहुंचता था..वहां से यह पैसा सीधे चैतन्य बघेल को दिया जाता था…बंसल के मुताबिक, हर महीने 20 करोड़ रुपये दो किश्तों में दिए जाते थे

श्रीवास्तव और सराफा कारोबारी के खुलासे

ईडी को दिए गए केके श्रीवास्तव के बयान में चैतन्य के जरिए 100 करोड़ रुपये मिलने की पुष्टि की गई है, जिन्हें उन्होंने अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में लगाया। वहीं, दुर्ग के एक सराफा कारोबारी ने भी बताया है कि चैतन्य ने उन्हें 5 करोड़ रुपये बिना ब्याज के उधार दिए, जो आज तक वापस नहीं किए गए।

बड़ी संपत्ति और निवेश की जांच

ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल कुम्हारी क्षेत्र में 1300 करोड़ रुपये का “विट्ठल ग्रीन सिटी” प्रोजेक्ट संचालित कर रहे हैं, जो उनकी कंपनी बघेल बिल्डकॉन से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य कंपनियों में भी पैसा निवेश किया है, जिसकी जांच जारी है।

 गिरफ्तारी का आधार

ईडी के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सौरभ पांडेय ने बताया कि चैतन्य के पास से 16.7 करोड़ रुपये अवैध आय का पता चला है, जिसका कोई वैध स्रोत नहीं बताया जा सका। इन्हीं सबूतों के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

 राजनीतिक हलकों में हड़कंप

चैतन्य की गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीतिक गलियों में भूचाल आ गया है। यह मामला अब सिर्फ शराब घोटाले तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि राजनीति, व्यापार और सत्ता गठजोड़ की परतें खोलने लगा है।

सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में कुछ और बड़े नामों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। ईडी की कार्रवाई से संकेत मिल रहे हैं कि यह सिर्फ शुरुआत है।

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