Chhattisgarh

CG News-छत्तीसगढ़ कांग्रेस की बैठक में गरजे खड़गे: एकजुट होकर भाजपा की साजिशों को करें नाकाम, एजेंडों पर हुई रणनीतिक चर्चा

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की राजनीतिक गतिविधियां इन दिनों तेज़ हो गई हैं। शनिवार को राजधानी रायपुर स्थित राजीव भवन में कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी और एक्सटेंडेड कमेटी की अहम बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों की अध्यक्षता खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। बैठकों में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद खड़गे दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

बैठक के दौरान खड़गे ने कार्यकर्ताओं और नेताओं से एकजुट होकर भाजपा की राजनीति का मुंहतोड़ जवाब देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भाजपा हमारे नेताओं को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजने की साजिश कर रही है।

लेकिन हमें पूरी एकता के साथ इस राजनीतिक प्रतिशोध का विरोध करना होगा। खड़गे ने सभी नेताओं से कहा कि अब समय आ गया है जब हमें जनता के मुद्दों पर और आक्रामक तरीके से लड़ाई लड़नी होगी।

इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में खास तौर पर पांच बड़े मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें भाजपा सरकार के कथित दमन, शिक्षा और खेती से जुड़े सवाल, और संगठनात्मक पुनर्गठन शामिल रहा।

बैठक में जो जो  प्रमुख मुद्दे थे उन्मे राजनीतिक प्रतिशोध और एजेंसियों का दुरुपयोग – कांग्रेस नेताओं पर केंद्रीय एजेंसियों के जरिए हो रही कार्रवाई को राजनीतिक साजिश बताया गया और इसका जोरदार विरोध दर्ज किया गया।खनिज संसाधनों का निजीकरण – बस्तर, हसदेव अरण्य और तमनार क्षेत्र में जल-जंगल-जमीन की लूट के आरोप लगाए गए। कहा गया कि सरकार चुनिंदा उद्योगपतियों को प्राकृतिक संसाधन सौंप रही है।

किसानों को खाद की किल्लत – बैठक में चिंता जताई गई कि किसानों को जरूरी खाद नहीं मिल रही, जिससे राज्य में असंतोष बढ़ रहा है।

10,000 से अधिक स्कूलों को बंद करने का मुद्दा – कांग्रेस ने इसे शिक्षा विरोधी कदम बताते हुए कहा कि प्रदेश में बिना तर्कसंगत कारण स्कूल बंद किए जा रहे हैं।

संगठनात्मक पुनर्गठन की मांग – जनसंख्या और क्षेत्रफल को देखते हुए कुछ जिलों और ब्लॉकों के पुनर्गठन और नए संगठनात्मक ढांचे की आवश्यकता पर भी बात हुई।

किसान, जवान और संविधान जैसे संवेदनशील विषयों को लेकर आयोजित जनसभा के बाद खड़गे ने संगठन की स्थिति और राजनीतिक रणनीति को मजबूत करने पर जोर दिया। वहीं पार्टी नेताओं ने आगामी चुनावों के लिए एकजुटता और जमीनी मुद्दों पर लड़ाई का संकल्प लिया।

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