नाराज़ ग्रामीणों ने रोका मंत्री का काफिला…जमकर खरी खोटी सुनाया…और फिर फूल गए पुलिस के हाथ पैर

कोरबा–कोरबा जिले में बारिश के चलते जलभराव की विकराल समस्या ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शुक्रवार को उस समय अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न हो गई, जब प्रभारी मंत्री के काफिले को ग्रामीणों ने बीच रास्ते में घेर लिया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। यह वाकया तब हुआ जब मंत्री क्षेत्रीय निरीक्षण पर निकले थे।
गंदे पानी से बेहाल ग्रामीण
ग्रामीणों का आरोप है कि बरसात के दिनों में गांव की सड़कों और गलियों में पानी भर जाता है। लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। जल निकासी की व्यवस्था नही के बराबर है। गंदा पानी घरों में घुस जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से शिकायत की, लेकिन किसी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
त्वरित कार्रवाई का आदेश
घटनास्थल पर जैसे ही मंत्री का काफिला रुका, ग्रामीणों ने घेर लिया । सभी ने जल निकासी की समस्या को लेकर नारेबाज़ी शुरू कर दी। शुरुआत में मंत्री ने लोगों को शांत करने का प्रयास किया। जब आक्रोश थमता नहीं दिखा, तो मंत्री स्वयं वाहन से उतरकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे और उनकी समस्याएं सुनीं।
मंत्री ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जलभराव की समस्या पर प्राथमिकता से कार्यवाही की जाए। उन्होंने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अमले को निर्देश दिया कि समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए। हर साल लोगों को इस परेशानी से न गुजरना पड़े।
प्रशासन हरकत में आया
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। स्थिति को शांतिपूर्वक नियंत्रित किया। करीब आधे घंटे की बातचीत और आश्वासनों के बाद ही मंत्री का काफिला आगे बढ़ सका।
प्रशासन की लापरवाही पर फूटा गुस्सा
घटना ने स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक कोई बड़ा नेता नहीं आता, तब तक अधिकारी सुध नहीं लेते। हर साल बारिश में यही हाल होता है, लेकिन कोई स्थायी हल नहीं निकाला जाता।