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अपराध और अपराधियों की शामत..ऐसे पकड़ें जाएंगे फेक न्यूज..संभव नहीं रिपोर्ट से छेड़छाड़..पढें..साइबर विशेषज्ञों ने और क्या बताया
साइबर विवेचना...विशेषज्ञों ने कहा..इस तरह करें एप का प्रयोग..

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बिलासपुर—आईजी डॉ.संजीव शुक्ला की अगुवाई में रक्षित केन्द्र चेतना भवन में नवीन कानून के क्रियान्वयन, तकनीकी जानकारी और विवेचना को लेकर रेंज स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कई जिलों से नामांकित राजपत्रित पुलिस अधिकारी, थाना प्रभारी,निरीक्षक, सीसीटीएनएस मास्टर ट्रेनर, प्रधान आरक्षक,आरक्षक स्तर के कुल 145 अधिकारियों ने शिरकत किया। उपस्थित सभी अधिकारियों को विवेचना संबंधी तकनीकी पोर्टल और एप की जानकारी दी गयी। विशेषज्ञों ने तकनिकी योग्यता बढ़ाने का टिप्स भी दिया।
रक्षित केन्द्र स्थित चेतना भवन मेंनवीन कानून के क्रियान्यवयन को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला,ने जिलों में पदस्थ सभी अधिकारी,कर्मचारियों को व्यवसायिक और तकनीकी योग्यता को बढ़ावा दिए जाने को लेकर वार्षिक प्रशिक्षण कैलेण्डर से अवगत करवाया। उन्होने बताया कि कैलेन्डर के अनुसार प्रतिमाह अलग-अलग विषयों पर रेंज मुख्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में बिलासपुर रेंज में भी कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
कप्तान ने बताया..साइबर प्रशिक्षण की जरूरत
कार्यशाला का शुभारंभ वरिष्ठ पुलिस कप्तान रजनेश सिंह के संबोधन से शुरू हुआ। एसएसपी रजनेश ने सायबर प्रशिक्षण के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षणाथियों को नवीन कानूनों की बारीकियों को समझने और थानों में पंजीबद्ध अपराधों की विवेचना और फिर चालान पेश करने का तौर तरीका बताया। उन्होने जोर देते हुए कहा कि नवीन कानून में निर्धारित समय सीमा का विशेष महत्व है। इसके लिए विभिन्न पोर्टल का उपयोग कैसे किया जाए…जानकारी को साझा किया।
छेड़छाड़ की संभाना खत्म
आईजी डॉ संजीव शुक्ला ने जानकारी दिया कि 1 जुलाई, 2024 से देश में नवीन कानून लागू हो गया। जाहिर सी बात है कि विवेचना का तरीका भी बदल गया है। विवेचना की अधिकांश प्रक्रिया ऑनलाईन हो चुकी है। नवीन कानूनों में बदलाव का मुख्य उद्देश्य आरोपियों को सजा दिलाना है। मतलब विवेचना में प्रक्रियागत त्रुटि और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ अब संभव नहीं है। इन सब बातों को केन्द्र में रखकर ही पुलिस मुख्यालय और रेंज स्तर पर व्यावसायिक प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है।
प्रशिक्षण के प्रारंभिक सत्र में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुज गुप्ता ने सोशल मीडिया इन्वेस्टीगेशन एवं मॉनिटरिंग गतिविधियों से जुड़ी जानकारी को साझा किया। उन्होने बताया कि किस तरह सायबर फ्रॉड को थाना स्तर पर ही ना केवल सुलझाया जाए। बल्कि पीड़ित को बिना देरी पीड़ित को न्याय दिलाया जाए।
क्या कहता है अधिनियम
विशेष शाखा पुलिस रायपुर सुनील कुमार सेन ने उपस्थित लोगों को नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड पोर्टल से परिचित कराया। उन्होने बताया कि किस तरह NATGRID के जरिए अपराधियों और संदेहियों की पतासाजी कर पकड़ा जा सकता है। डिस्ट्रीक्ट रोल आउट मैनेजर समीर चंद्राकर ने i RAD, एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस परियोजना, i RAD पोर्टल की जानकारी दी। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि भारत सरकार की डिजिटल पहल का मुख्य उद्देश्य , सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है। विशेषज्ञो ने यह भी बताया कि परियोजना के तहत किस तरह पुलिस विवेचक मोबाईल एप्लिकेशन से दुर्घटना की सूचना, फोटो, और वीडियो समेत अन्य जानकारी दर्ज करते है।
चंद्राकर ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को तत्काल और निःशुल्क उपचार प्रदान करने की जानकारी दी। उन्होने ‘‘सड़क दुघटना पीड़ितों के लिए निःशुल्क उपचार योजना 2025’’ का परिचय दिया। जानकारियों को i RAD मोबाईल एप से किस तरह आपरेट किया जा रहा है। दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल 1 लाख 50 हजार की सहायता राशि उपचार में दिया जाता है।
विशेषज्ञों ने बताया कैसे करें हैंडल
पुलिस मुख्यालय रायपुर सीसीटीएनएस विशेषज्ञ पुरूषोत्तम वर्मा, वेब और एप डेवलपर भूपेन्द्र साहू, एडमिन उमेश प्रजापतिने विभिन्न पोर्टल की विस्तार से जानकारी दी। भूपेन्द्र वर्मा ने e-Sakshya, e-Summon और IO-Mitaan के बारे में बताया। भूपेन्द्र साहू ने Cri-MAC यानी Crime Multi Agency Center की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। जोनल एसपी दीपमाला कश्यप ने Samanvay (JCCT-JMIS) और Naitional Cyber Crime Reoprting Porta यानी NCCRP के माध्यम से आरोपियों और संदेहियों की पतासाजी करने का तौर तरीका बताया। रेंज थाना बिलासपुर निरीक्षक राजेश मिश्रा ने म्यूल खाता की जानकारी दी। कार्यशाला के बाद उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों से फीडबेक भी लिया गया।
अधिकारियों की विशेष उपस्थिति
प्रशिक्षण कार्यशाला में जोनल एसपी दीपमाला कश्यप, एडिश्नल एसपी अर्चना झा, एडिश्नल एसपी अनुज गुप्ता, डिस्ट्रक्ट रोल आउट मैनेजर iRAD NIC समीर चंद्राकर,रायपुर के सी.सी.टी.एन.एस. शाखा विशेषज्ञ पुरूषोत्तम वर्मा, वेब डेवलपर भूपेन्द्र साहू, एप डेवलपर उमेश प्रजापति, सिस्टम एडमिन सुनील कुमार सेन, इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक उप पुलिस अधीक्षक निरीक्षक. उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक और आरक्षक समेत करीब 150 अधिकारियों ने शिरकत किया।