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93 कर्मचारियों को मिला आवास..कार्यक्रम को एसपी ने किया संबोधित..कहा..मितव्ययी बनें…रिटायर्ड से पहले बनवाएं मकान

जल्द ही पुराने आवास की जगह बनाएंगे नया मकान..रजनेश

बिलासपुर—पिछले एक दशक से आवास की परेशानियों से जूझ रहे आरक्षक और उप निरीक्षकों को पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने बड़ा तोहफा दिया है। जानकारी देते चलें कि पिछले एक दशक से जिला पुलिस के जवान और अधिकारी आवास की परेशानियों से जूझ रहे हैं।  जिनके पास आवास हैं..उन्हें भी सालों से जर्जर मकान में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।  मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने लाटरी सिस्टम से खाली और नव निर्मित आवास का वितरण किया। आवास मिलने पर पुलिस कर्मचारियों ने खुशी जाहिर किया है। 
                    पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने आवास की कमी से जूझ रहे पुलिस कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। पुलिस कप्तान की मौजूदगी में पात्र आरक्षक उप निरीक्षकों ने पर्ची निकाला और आवास मिलने पर अपनी खुशी को जाहिर भी किया। इस दौरान पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने दुहराया कि सबको मालूम हैं कि घर सभी के लिए जरूरी है। लेकिन यह भी सही है कि आवास निर्माण और वितरण की निश्चित प्रकिया होती है। इस दौरान पुलिस कर्चचारियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बावजूद इसके शासन प्रशासन का हमेशा से प्रयास रहा है कि अपने कर्मचारियों को बेहतर सुविधा दे।
 आवास आवटंन प्रक्रिया को लेकर पुलिस कप्तान ने बताया कि सीमित आवास होने के कारण 93 अधिकारी और कर्मचारियों को ही सूचीबद्ध किया गया। सूची में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों ने बारी बारी से पर्ची निकाला। पर्ची के अनुसार कुछ को पहले से बने खाली आवास आबंटित किया गया तो कुछ को नव निर्मित आवास मिला। हम जानते हैं कि अभी बहुत लोगों को आवास की जरूरत है। जल्दी ही उनकी समस्याओं को भी दूर किया जाएगा।
 उन्होने कहा कि नए आवास निर्माण को लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है। जर्जर और पुराने आवास के स्थान पर नए आवास बनाने की योजना तैयार है। भविष्य में अधिक से अधिक अधिकारी कर्मचारियों को आवास उपलब्ध कराएंगे।
 आवास वितरण कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने  कहा कि हमें मितव्ययी होने की जरूरत है। वेतन से थोड़ा थोड़ा बचत कर स्वयं के मकान बनाने का प्रयास करना चाहिए। ताकि हम अपने परिवार को बेहतर जिन्दगी दे सकें। पुलिस कप्तान ने जोर देते हुए कहा कि जिन्हें आवास मिला है उन्हें भी अपना स्वयं का मकान बनाने का प्रयास करना चाहिए। ताकि सेवानिवृत्त के बाद परिवार के साथ सुविधाजनक सुरक्षित जीवन का आनन्द ले सकें।

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