15,000 की क्षमता वाले जेल में 20,000 कैदी, हाईकोर्ट ने उठाए सवाल – व्यवस्था सुधारने का फरमान

बिलासपुर…प्रदेश के जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को रखे जाने के गंभीर मुद्दे पर मंगलवार, 16 सितंबर को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जेलों में वरिष्ठ सहायता कल्याण अधिकारियों की नियुक्ति पर बहस हुई और अदालत ने शासन से कड़ा रुख अपनाते हुए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने शासन से शपथपत्र के साथ 8 दिसंबर तक जवाब पेश करने का आदेश दिया।
शासन की ओर से बताया गया कि प्रदेश की पाँच केंद्रीय जेलों में से दो में सहायता कल्याण अधिकारियों की नियुक्ति हो चुकी है, जबकि शेष तीन जेलों में नियुक्ति अभी बाकी है। वहीं याचिकाकर्ता शिवराज सिंह ने कोर्ट को अवगत कराया कि नियमानुसार सभी जेलों में इस प्रकार की नियुक्ति अनिवार्य है ताकि कैदियों के कल्याण और सुधारात्मक प्रयास सुनिश्चित किए जा सकें।
क्षमता से अधिक कैदी, स्थिति चिंताजनक
प्रदेश की जेलों में क्षमता से कहीं अधिक कैदी रखे जा रहे हैं। लगभग 15,000 कैदियों की क्षमता वाले जेलों में वर्तमान में 20,000 से अधिक कैदी बंद हैं। जेलों की इस स्थिति को लेकर न्यायालय ने गंभीर चिंता जाहिर की और कहा कि कैदियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठाना शासन की जिम्मेदारी है।